Dhaval Trivedi

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समाज का आतंकवाद

नमस्कार दोस्तों!! आतंक शब्द सुनते ही आपके जहन में क्या आता है? 

मेरे विचार से सबसे पहले आपके दिमाग में आजतक जितने भी आतंकी हमले पूरी दुनिया में किए या करवाए गए है वही आते होंगे। 

दोस्तों ये सच है लेकिन!! 

आतंक की जो परिभाषा है उसके अनुसार आतंक का मतलब होता है कि किसी भी सजीव द्वारा दूसरे सजीव को शारीरिक, मानसिक या किसी भी तरह की यातना देना। 

अब में मेरी कहानी की ओर बढ़ता हूं। कहानी कितनी छोटी या बड़ी होगी यह अभी नहीं बता सकता। जो मन में आएगा वह लिखनें की कोशिश करूंगा।

प्राची दसवीं कक्षा की छात्रा थी, बहुत गरीब घर से ओर दुसरो से भोली भी। राहुल उसी कक्षा में पढ़ने वाला अमीर घर का बिगड़ा हुआ बेटा था। एक दिन क्लास में प्राची डर से आई। क्लास की सभी जगह भरी हुई थी। ऐसे में मजबूरी में उसे राहुल के पास बैठना पड़ा। 

यहां से अपनी कहानी शुरू होती है। 

राहुल:: हाय आई आई एम राहुल एंद यूं? 

प्राची:: मेरा नाम प्राची है। 

ऐसे ही दोनों में बातें शुरू हुई और दोस्ती हुई और फिर धीरे धीरे यह दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। प्यार भी एक तरफा था। प्राची राहुल से बेइंतेहा प्यार करती थी पर राहुल अमीर घर की बिगड़ी औलाद होने के कारण प्राची के प्यार को प्यार नहीं समझता था।
एक दिन राहुल और प्राची 12वीं कक्षा की बोर्ड एग्जाम देने के बाद लोनावला घूमने के लिए चले गए। दोनों राहुल के बाइक पर निकले और कुछ ही घंटों में लोनावला के सुप्रसिद्ध बुशी डैम पर पहुंच गए।

बुशी डैम पहुंचते ही बारिश के दिन होने के कारण जोर की बारिश शुरू हो गई। दोनों इस बारिश में भीग भी गए। भीगते भीगते दोनों बारिश का आनंद भी लेने लगे। बहुत गीली होने के कारण प्राची को ठंड लगने लगी। जिस वजह से वह असहज महसूस कर रहीं थी। 
उसने राहुल से बोला की मुझे बहुत ठंड लग रही है। राहुल उसे गर्मी देने के लिए बिना कुछ सोचे समझे उसे अपनी बाहों में ले लेता है। प्राची भी बेझिझक राहुल की बाहों में उसके शरीर की गरमाहट को महसूस करने लगती है। राहुल शहर के नजदीक ही होटल में एक कमरा ले लेता है और दोनों वहां चले जाते है। प्राची को कमरे में ही रुकने के लिए कह वह मार्केट में जाकर 2 जोड़ी कपड़े ले आता है। खुद के लिए पैंट शर्ट एवं प्राची के लिए एक वन पीस लाता है। राहुल फिर से रूम में आते ही प्राची के गले लग जाता है 

समाज का आतंकवाद

तो दोस्तों!! कुछ महीने पश्चात राहुल प्राची को फोन करके अपने घर बुलाता है उसके घर में राहुल के और दो दोस्त थे। राहुल के माता पिता भी घर नहीं थे। प्राची जैसे ही डोरबेल बजाकर दरवाजे पर रूकती है राहुल दरवाजा खोलते ही उसे अंदर बुलाकर अपने गले से लगा लेता है   राहुल के दोनों दोस्त भी हॉल में आ जाते हैं  राहुल उन्हें कहता है की डोंट वरी तुम्हें भी मजा मिलेगा। परंतु प्राची राहुल को धक्का मार कर दरवाजे के बाहर जाने की कोशिश करने लगती हैं। राहुल पीछे से प्राची को आवाज देता है की प्राची जाने से पहले यह देख कर जाओ। 

राहुल अपने घर का टीवी चालू कर देता है और उस दिन लोनावला में जो होटल में दोनों के बीच होता है वह टीवी पर चलने लगता है। यह देख प्राची अपना सर पकड़ कर नीचे बैठ जाती है परंतु राहुल पर उसका कुछ भी असर नहीं होता  वह प्राची से कहता है कि तुम अगर मेरा कहना नहीं मानोगी तो मैं यह वीडियो इंटरनेट पर फैला दूंगा। यह सुनकर प्राची रोने लगती है। कुछ घंटों बाद प्राची रोती हुई राहुल के घर से बाहर निकलती है और अपने घर पहुंचकर बाथरूम में जाकर फूट-फूटकर रो पड़ती है। कुछ देर बाद प्राची शावर लेकर बाथरूम के बाहर आती है और अपने कमरे में जाकर सो जाती है।
         
उस दिन के बाद राहुल प्राची को रोज अपने घर बुलाने लगा 
      
एक दिन प्राची नहाते हुई सोचती है की  यह राहुल तो आतंकवादियों से भी बहुत बुरा है। आतंकवादी भी किसी के साथ ऐसा नहीं करते होंगे। ऐसे विचार प्राची के मन में आते ही प्राची  के आंखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी। प्राची जिस हवस के आतंक में रह रही थी न जाने ऐसी कितनी ही प्राची इस दुनिया में होगी। ऐसे राहुल को सबक सिखाने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए?

दोस्तों आप सोचते होंगे कि प्राची का क्या हुआ होगा।
यह सस्पेंस नहीं रखूंगा।

कुछ महीनों बाद उसी बुशी डैम में प्राची की लाश पुलिस को बरामद हुई।

प्राची की मौत कैसे हुई ?? क्यों हुई ?? कुछ भी पता नहीं चला और वह फाइल पुलिस स्थानक की लॉकर में धूल खा कर पड़ी रही। 

दोस्तों आप ही सोचिए की ऐसे लोग अगर हमारे समाज में हो तो समाज कब और कैसे सुधरेगा। 

समाप्त

Dhaval trivedi

editing by Aman AJ

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8 Comments

Babita patel

04-Feb-2023 05:22 PM

nice

Reply

Niraj Pandey

09-Oct-2021 07:55 PM

बहुत खूब

Reply

Angela

01-Oct-2021 12:37 PM

👌

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